नमस्कार दोस्तों! तो आज के इस Article में हम Fiat Money के संबंध में विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं जिससे आपको Fiat Money के बारे में संपूर्ण द्वार तौर से जानकारी प्राप्त हो सके!
तो चलिए सबसे पहले जानते हैं की Fiat Money क्या है? (What is Fiat Money in Hindi)और क्या है इसका इतिहास?
Fiat Money हर देश की Central Government, Federal Government के द्वारा Control की जाती है। किसी भी देश की केंद्रीय सरकार जब चाहे इसमें बदलाब कर सकती है जो की देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ही कर सकते है।
Fiat Money के कुछ उदाहरण इस प्रकार है जैसे अमेरिकी डॉलर ($USD), भारतीय रुपया, Pond, Euro, आदि।
पुराने समय में जब किसी भी वास्तु को खरीदना होता था तो उसके बदले में सोना, चांदी को मुद्रा के रूप में देना होता था। उस समय किसी भी शासन द्वारा चलाई गई मुद्रा का चलन नहीं था। इसलिए Fiat Money चलन में आई।
फ़िएट मनी जो की पूर्ण रूप से Market Demand और Supply पर काम करती है। यही वजह है जो की Fiat currency एक Limit तक ही निकाली जा सकती है।
जैसे जैसे मार्किट की Demand बढ़ेगी वैसे वैसे इसकी Supply भी बढ़ेगी लेकिन उस देश को अपनी कुछ संम्पत्ति को जो की उतनी ही Value रखती है को गिरवी रखना होता है। क्योकि ये Commodity के रूप में काम करता है।
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Commodity वो होती है जिसको हम गिरवी रखकर उतनी ही Value की किसी और वास्तु को ले सकते है या उतनी value के notes जारी कर सकते है।
Fiat Money आज से कई हजार साल पुरानी Currency है जो की सवप्रथम चीन में प्रचलन में आई। उसके बाद अन्य देशो में भी प्रचलन में आने लगी। फिर भी 20वीं शताब्दी के आते आते यह इतनी लोकप्रिय नहीं हुई।
लेकिन 20 वीं शताब्दी में जब अमेरिका के राष्ट्रपति Richard Nickson ने एक विधेयक लागु कर दिया जो की Direct Fiat Money को Gold में परिवर्तित के खिलाफ था। फिर तो Fiat Currency सभी देशो में जोरो शोरो से लोकप्रिय होने लगी।
अब तो हाल यह है की सभी देशो में कागज आधारित Fiat Currency का उपयोग होता है। लेकिन सरकार समय समय पर Fiat Money में बदलाब लती रहती है ताकि कोई भी इसका भरी मात्रा में गलत उपयोग न कर सके।
What is Fiat Money in Hindi और सम्पूर्ण इतिहास
जैसे की ऊपर आपको बताया गया था की Fiat Currency सर्वप्रथम China में प्रचलन में आई जो कि वहा के राजवंश मिंग, सोंग, युआन, और तांग द्वारा 10 वीं ईसा पूर्व में प्रतिपादित की गई।
जनता Credit Notes और कागज या कागज की मुद्रा को आसानी से स्वीकृत व उपयोग करने के आदी थे। मुद्रा की कमी के कारण जनता Coins से कागज के नोटों की तरफ रुझान करने को मजबूर हो गई।
लोग जानते थे के नोटों का कैसे उपयोग होगा यही कारण था की उन्हें नोटों के उपयोग करने में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा।
ये जो बदलाव का कारण था वो सिर्फ और सिर्फ इसलिए था क्योकि तांबे के सिक्को की भरी मात्रा में कमी सोंग राजवंश (960-1276) में हो गई थी।
जब व्यापारियों ने कागज के नोटों को जारी करना शुरू किया तो एक मौद्रिक निति द्वारा समर्थित निजी नोटों को मूल रूप से कानूनी धन के रूप में मान्यता दी गई थी।
इसी के साथ युआन राजवंश (1276-1367) में कागजी मुद्रा को currency के अन्य सभी रूपों में बदल दिया, और मिंग राजवंश के दौरान, वित्त मंत्रालय को नोट जारी करने का अधिकार दिया गया।
अठारहवीं शताब्दी में, कागज के नोटों का उपयोग पहली बार पश्चिम में किया गया। Continent Congress, France और Americans ने उपयोग के लिए Credit नोट जारी करना शुरू कर दिया।
जिसके पास नोट्स होंगे वो इसका उपयोग अधिकारियों को Tax Pay करने के लिए करेंगा।
महंगाई के जोखिमों के कारण जो की अत्यधिक मात्रा में नोट्स जारी होने की वजह से कुछ बहस शुरू हुई थी।
कई जगह पर बिलों के मूल्य में भारी गिरावट आई, जैसे New-zealand। इसी के साथ जो भी मूल्यवान वास्तु थी उनकी कीमतों में वृद्धि हुई।
जब भी युद्ध होता था तब सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं के मूल्य को बनाए रखने के लिए, राष्ट्र Fiat Money का उपयोग करते थे।
अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान, United States की संघीय सरकार ने “Greenback” का इस्तेमाल किया, जो एक प्रकार की कानूनी मुद्रा है।
इसी के साथ जब War शुरू हुआ तभी सरकार ने अपनी कागजी मुद्रा को सोने वा चांदी में बदलने की अनुमति देना बंद कर दिया।
सरकारी अधिकारियों और बैंकों ने 20वीं सदी में वचन दिया के सरकार द्वारा जारी कागज के नोटों और सिक्को से आप कोई भी उसकी मूल्य की वास्तु खरीद व बेच सकते हो। साथ ही सम्पूर्ण प्रांतो में भी इसे लागु करने का हुक्म अदा कर दिया गया।
लेकिन अमेरिकी गृहयुद्ध में भारी मात्रा में जो नुकसान हुआ और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की जो demand थी उसके कारण, सरकार को इससे पीछे हटना पड़ा।
बाद में, घटते सोने के भंडार के कारण, अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने 1971 में कई आर्थिक बिलो को लागू किया, जिसमें अमेरिकी डॉलर के सीधे सोने में परिवर्तन भी शामिल था, को समाप्त कर दिया था।
तब से, अधिकांश देशों ने Fiat Money को अपनाया है जिनका अन्य महत्वपूर्ण मुद्राओं के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है।
Fiat Money कैसे काम करती है?
Fiat Money का कोई बेसिक आधार नहीं है इसका समर्थन तो केवल उसके मालिकों के विश्वास और Financial Law & Order के आधार पर होता है। किसी वास्तविक भौतिक सामान से नहीं।
वस्तु के खरीदने और बेचने को कागज के पैसे से बदल दिया जाता है, जो Demand और Supply के आधार पर काम करता है।
वस्तु विनिमय वाणिज्य के विपरीत, यह लोगों को उन वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने में सक्षम बनाता है जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है, बिना एक वस्तु को दूसरे में बदले।
हम सब आसानी से योजनाएँ स्थापित कर सकते हैं। साथ ही साथ जो भी important financial activities है उन्हें विकसित कर सकते हैं क्योंकि हमारे पास क्रय शक्ति को संग्रहीत करने की पूर्ण क्षमता है।
मान लेते है, एक कंपनी जो Mobile Phone का निर्माण करती है जो की Invest कर सकती है new Machines में और वेतन भी दे सकती है जो भी कर्मचारी उस कंपनी में कार्यरत होंगे और तो और International lever पर expend भी कर सकती है।
Fiat Money का मूल्य किसी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति, उसकी सरकार की वित्तीय प्रणाली और ब्याज दरों पर निर्भर करता है।
लोगों को सामान खरीदना challenging लग सकता है क्योंकि उन्हें ऐसे देश में उनकी आवश्यकता हो सकती है जहां राजनीतिक अस्थिरता के कारण मुद्रा कमजोर हो गई है और वस्तुओं की लागत बढ़ गई है।
कब एक Fiat Money प्रभावी ढंग से Active होती है? जब लोगो को क्रय शक्ति के लिए एक भंडार के रूप में सेवा करने की क्षमता पर पूर्ण विश्वास होता है।
इसे सरकार के पूर्ण विश्वास और श्रेय द्वारा समर्थित होना चाहिए। और इसे व्यावसायिक लेनदेन में कानूनी धन के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रिंट करती है।
Fiat Money के फायदे
Fiat Money की वैल्यू में एक Stability होती है जो की सोने, तांबे और चांदी जैसी वस्तुओं में देखने को नहीं मिलती।
इसी स्थिरता को ध्यान में रखते हुए 20वीं शताब्दी में, सरकारों और बैंकों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं में बार-बार होने वाले व्यापार चक्र के पतन से बचाने के लिए हस्तक्षेप किया, जिसके कारण फ़िएट मुद्रा का व्यापक उपयोग हुआ।
लगातार व्यापार के बदलते तरीको और अनावश्यक मंडी ने commodity based मुद्रा को unstable बना दिया है।
कागजी मुद्रा के निर्माण और जमा करने की क्षमता केंद्रीय बैंकों को मुद्रा आपूर्ति, ब्याज दरों और तरलता पर अधिक नियंत्रण देती है।
Fiat Money से नुकसान
वैश्विक वित्तीय संकट ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि फिएट मनी एक अधिक स्थिर मुद्रा है जो मंदी से रक्षा कर सकती है।
मुद्रा आपूर्ति पर नियंत्रण रखने वाला Reserve Bank वित्तीय संकट होने पर इसे नहीं रोक सकता।
फिएट मनी के आलोचकों के अनुसार, इसकी सीमित आपूर्ति के कारण सोने को फिएट मनी की तुलना में अधिक स्थिर मुद्रा माना जाता है। लेकिन देखा जाये तो ऐसा है नहीं।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने Fiat Money के बारे में विस्तारपूर्वक समझाइए जैसे कि What is Fiat Money in Hindi, यह किस तरीके से काम करती है साथ ही Fiat Money का सम्पूर्ण इतिहास और इसके फायदे व नुकसान के बारे में भी चर्चा की।
इस Article को पढ़ने के बाद हमें पूर्ण विश्वास है कि आपको अच्छी तरह से समझ आ गया होगा कि Fiat currency क्या है और यह किस तरह से काम करती है।
फिर भी आपको Fiat Money से सम्बंधित कुछ भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बोल सकते हैं जिससे हम आपकी समस्या का समाधान प्रदान कर सके।